24 September 2017

जातिवाद और सम्प्रदायवाद के अजगरी बेल में जकड़ा लोकतंत्र

आज जितने भी राजनीतिक दल और नेता है वो जनता को धर्म और जाती के आधार पर आपस में लड़ाकर शासन करना चाहती है. आज जितने भी पार्टिया है जनता को हिन्दू और मुस्लिम के नाम पर तो कभी अगड़ा और पिछड़ा के नाम पर बाटकर समस्याओ के मकड़जाल में इसप्रकार उलझा दी है की आने वाले दिनों में हर एक जनता अपने-आप के लिए एक समस्या बन जाएगा. इसलिए आज धर्म और जाती के इतिहास को जानना काफी महत्वपूर्ण है.

हिन्दु और हिंदुत्व क्या हैं ? भारत का नाम हिन्दुस्तान कैसे पड़ा ?

हिंदू शब्द जातिवाचन शब्द ना होकर स्थानवाचक शब्द है. यह भौगोलिक (देश से संबंधित) है. सिंधु नदी से हिन्दु बना है. यह सिंधु का अपभ्रंश है. सिंध से ही हिंद बना है. यह माना जाता है कि परस्य (ईरान) देश के निवासी ‘सिन्धु’ नदी को ‘हिन्दु’ कहते थे क्योंकि वे ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ करते थे. धीरे-धीरे वे सिन्धु पार के निवासियों को हिन्दू कहने लगे. हिंद और स्तान मिलकर ‘हिंदुस्तान’ बन गया. हिंद से ही ‘हिंदू’, ‘हिंदी’, ‘हिंदवी’, ‘हुन्दू’, ‘हन्दू’, ‘इंदू’, ‘इंडीज’, ‘इंडिया’ और ‘इंडियन’ आदि शब्द निकले हैं.

भगवा की ताकत

भगवा की ताकत क्या है भगवा चोल पहन पवनपुत्र लंका में आग लगाये थे. भगवा तिलक लगा काली ने दुस्त्र यमलोक पहुचाये थे. भगवा झंडा लिए पुरु ने सिकंदर को रोक था. भगवा की खातिर सांगा ने बाबर को जा घेर था. भगवा झंडा लिए ही रांणा हल्दी घटी कूदे थे. भगवा की खातिर ही यहाँ पे वीर शिवाजी जूझे थे. भगवा झंडा लिए ही रानी अग्रजो पे टूटी थी, आजादी की पहली जंग की अमर गाथा बन बैठी थी. भगवा चोला पहन विवेकानन्द अमरीका में गूंजे थे, दुनिया की बुद्धिमानो  ने पैर उन्ही की पूजे थे. भगवा झंडे ने ही हमको स्वराज का मान दिया और भगवा झंडे ने ही यहाँ आज़ादी का सम्मान दिया.

17 September 2017

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर से 'स्वच्छता ही सेवा है अभियान' की शुरुआत की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 15 सितंबर को कानपुर से 'स्वच्छता ही सेवा है अभियान' की शुरुआत की. उन्‍होंने उपस्थितजनों को स्‍वच्‍छता ही सेवा की शपथ भी दिलाई. जिसमें स्‍वच्‍छ स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक और न्‍यू इंडिया के निर्माण का संकल्‍प लिया गया. राष्‍ट्रपति श्री कोविंद ने ग्राम स्‍तर के उन नायकों को भी सम्‍मानित किया जिन्‍होंने ईश्‍वरीगंज गांव को ओडीएफ घोषित कराने में अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत स्‍वच्‍छता और आरोग्‍यता के लिए संघर्ष कर रहा है. आज सभी को जन आरोग्‍यता व्‍यक्तिगत स्‍वच्‍छता और पर्यावरण स्‍वच्‍छता की शपथ ले रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि स्‍वच्‍छता केवल सफाई कर्मचारियों और सरकार के विभागों की जिम्‍मेदारी नहीं है यह ऐसा राष्‍ट्रीय आंदोलन है जिसमें सभी की भागीदारी आवश्‍यक है आज हमें हमारे घरों, सार्वजनिक स्‍थलों गांवों और शहरों को साफ करने के लिए प्रयत्‍न करने होंगे. इसका उद्देश्‍य यह है कि वातावरण स्‍वच्‍छ हो और हर स्‍थान पर सफाई हो. इससे लोगों को समृधि का लाभ मिलेगा. स्‍वच्‍छ भारत का मिशन हासिल करना राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी के प्रति सच्‍ची श्रद्धांजलि होगी. 

इससे पहले राष्‍ट्रपति ने लखनऊ में दीनदयाल उपाध्‍याय स्‍मृति वाटिका का दौरा किया. उन्‍होंने सामाजिक चिंतक एवं राजनीतिक नेता स्‍व. श्री दीन दयाल उपाध्‍याय की प्रतिमा को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके साथ ही सभी ग्राम पंचायतों में विशेष साफ-सफाई, स्वच्छता यात्रा की शुरुआत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले 'मन की बात' कार्यक्रम में गांधी जयंती से 15 दिन पहले स्वच्छता ही सेवा अभियान शुरू करने का आह्वान किया था. यह अभियान 31 दिसंबर 2018 तक पूरे देश में चलाया जाना है. इसका लक्ष्य पूरे देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करना है. दो अक्तूबर 201 9 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस लक्ष्य को पूरा करने की बात कही गई है. इसके अलावा सभी मंत्रियों से स्वच्छता अभियान को मिशन मोड में चलाने का निर्देश दिया गया है. इनसे कहा गया है कि अस्पताल, स्कूल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, पर्यटन स्थल और बाजारों जैसी जगहों को साफ रखने के लिए बड़ा अभियान चलाने की जरूरत है.

गरीब और पिछड़े इलाक़ों में स्वच्छता और पेयजल के लिए भी विशेष मुहिम चलाई जाएगी. बड़े पैमाने पर शौचालयों का निर्माण करने को कहा जाएगा और इसके लिए अलग-अलग मंत्रालयों के लिए विशेष मुहिम चलाना होगी. बड़े पर्यटन स्थलों को स्वच्छ रखने की अपील के लिए मशहूर हस्तियों का सहारा लिया जा सकता है. यह विशेष स्वच्छता अभियान महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्तूबर तक चलाया जाएगा. क्रिकेट और हॉकी टीम के खिलाड़ियों से भी कहा जाएगा कि वो शौचालय निर्माण की मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें. सेना के जवान ऊंचे पर्वतीय इलाकों को साफ करने का अभियान चलाएंगे.

झाड़ू लगाकर मनाएंगे पीएम मोदी का जन्मदिन: स्वच्छता ही सेवा है अभियान में हर रविवार को बड़ी हस्तियों को जोड़ा जाएगा. संयोगवश इस रविवार को पीएम मोदी का जन्मदिन भी है.  इस दिन सारे मंत्रियों और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से कहा गया है कि वे अपने चुनाव क्षेत्रों या फिर पहले से तय जगहों पर मौजूद रहें.
ये सभी इन इलाकों में स्वच्छता अभियान चलांएगे और इलाकों को साफ करेंगे. बीजेपी शासित राज्यों में मुख्यमंत्री और मंत्री भी अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों या फिर अन्य तय जगहों पर स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेंगे. बीजेपी मंत्रियों से शौचालयों के निर्माण और सार्वजनिक स्थानों की सफाई को कहा गया है. यह निर्देश दिया गया है कि ये अभियान सिर्फ दिखावा बन कर न रह जाए. बल्कि जमीन पर इसके ठोस नतीजे भी दिखने चाहिए.