15 November 2018

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने फ्रांस में भारतीय सैनिकों के सम्मान में स्मारक का उद्घाटन किया

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने प्रथम विश्वयुद्ध में शहीद भारतीय सैनिकों के सम्मान में भारत द्वारा उत्तरी फ्रांस में निर्मित पहले युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया. उपराष्ट्रपति तीन दिवसीय यात्रा पर फ्रांस में थे. विल्लर्स गुइसलेन कस्बे में युद्ध स्मारक के उद्घाटन के दौरान नायडू ने फ्रांसीसी सशस्त्र बलों के पूर्व सैनिकों और बच्चों से बातचीत भी की. उपराष्ट्रपति ने कहा, 'यह उन हजारों भारतीय सैनिकों को महान श्रद्धांजलि है जिनके साहस और समर्पण को पूरी दुनिया ने सराहा है.' आजादी के बाद यह अपनी तरह का पहला ऐसा स्मारक है जिसे भारत ने फ्रांस में बनाया है. इस स्मारक के निर्माण की घोषणा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जून, 2018 में अपनी पिछली पेरिस यात्रा के दौरान की थी.

02 September 2018

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक’ का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 01 सितंबर 2018 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से भारतीय डाक के भुगतान बैंक 'इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक' (आईपीपीबी) की शुरुआत की. इसके साथ देशभर में इसकी 650 शाखाएं और 3,250 डाकघरों में एक्सेस सेंटर यानी सेवा केंद्र शुरू हो गयी. देश भर में सभी 1.55 लाख डाकघर 31 दिसंबर, 2018 तक आईपीपीबी प्रणाली से जुड़ जाएंगे. आईपीपीबी बचत और चालू खातों, धन हस्तांतरण, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, बिल और उपयोगिता भुगतान और उद्यम एवं वाणिज्यिक भुगतान जैसी सुविधाएं उपलब्ध

22 April 2018

कॉमनवेल्थ चीफ के रूप में महारानी के उत्तराधिकारी होंगे प्रिंस चार्ल्स

ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स कॉमनवेल्थ चीफ के पद पर अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जगह लेंगे. दरअसल, कॉमनवेल्थ देशों का शासनाध्यक्ष संगठन अगले प्रमुख के रूप में प्रिंस चार्ल्स का समर्थन करने के लिए शुक्रवार को सहमत हो गए. गौरतलब है कि एक दिन पहले ही महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने कहा था कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि उनका बेटा आगे चल कर उनकी भूमिका निभाए. ब्रिटिश मीडिया की खबरों के मुताबिक विंडसर कासल में कॉमनवेल्थ देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक (चोगम) रीट्रीट में संगठन के नेता 69 वर्षीय चार्ल्स को इसका अगला चीफ बनाने के लिए सहमत हुए है.

12 March 2018

भारत ने समुद्र में 16 अलग-अलग देशों की नौसेनाओं के साथ शुरू किया नौसैनिक अभ्यास

अंडमान निकोबार द्वीप में 16 अलग-अलग देशों की नौसेनाओं के साथ भारतीय नौसेना ने 8 दिन का अभ्यास शुरू कर दिया है जो 6 से 13 मार्च तक चलेगा. बता दें की ‘फ्रेंड्शिप अक्रॉस द सी’ की थीम के साथ भारतीय नौसेना ‘मिलन 2018’ नामक अभ्यास कर रही है. गौरतलब है कि यह अभ्यास उस वक्त में किया जा रहा है जब एक तरफ चीन हिंद महासागर में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है और दूसरी तरफ जहाँ मालदीव और श्रीलंका में इमरजेंसी के हालात बने हुए हैं.

इससे पहले फरवरी में चीन के 11 युद्धक जहाजों ने पूर्वी हिन्द महासागर में प्रवेश किया था. इस दौरान भारतीय नौसेना और चीनी नौसेना के बीच की दूरी काफी कम रह गई थी. यह एक्टिविटी ऐसे वक्त में सामने आई जब मालदीव राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. तबाही मचाने वाले चीनी जहाज सपोर्ट टैंकर्स के साथ हिन्द महासागर में प्रवेश किए थे. रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन के नौसेना पोतों में एक ऐसा पोत भी शामिल है जिस पर विमान, हेलिकॉप्टर उतर सकते हैं. वहीँ भारतीय नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक, आठ दिनों तक चलने वाले इस अभ्यास में 28 पोत हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 17 पोत ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड के हैं.

जानकारी के लिए बता दें, ‘मिलन अभ्यास’ की शुरुआत वर्ष 1995 में हुई थी और तब, सिर्फ चार देश (इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड) इसमें शामिल हुए थे. इस अभ्यास को शुरु करने का मकसद, पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया की नौसेनाओं के साथ दोस्ताना संबंधों को बढ़ावा देना था. लेकिन, बदलते वक्त के साथ जैसे-जैसे समंदर में भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ी, वैसे-वैसे अन्य देशों की नौसेनाएं, समंदर में होने वाली इस मैराथन मीटिंग और अपनी ताक़त के प्रदर्शन के लिए, भारत के साथ आती चली गईं. यानी चार देशों के साथ शुरू हुआ ‘मिलन अभ्यास’ आज 16 देशों के साथ और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया है.

26 February 2018

आंध्र प्रदेश पोस्टल सर्किल में डाकिया एंड मेल गार्ड के 245 पदों की भर्ती

                     रिक्ति विवरण
पोस्ट नाम - डाकिया
रिक्त की संख्या - 234 पोस्ट
पे स्केल - Rs.21700 / - 7 वीं सीपीसी के अनुसार वेतन मैट्रिक्स की -3 स्तर
पोस्ट नाम - मेल गार्ड
रिक्त की संख्या - 11 पोस्ट
पे स्केल - Rs.21700 / - 7 वीं सीपीसी के अनुसार वेतन मैट्रिक्स की -3 स्तर
शैक्षिक योग्यता - उम्मीदवार मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिक परीक्षा पास करना चाहिए
आयु सीमा - न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा 2018/03/15 पर के रूप में 18 से 27 वर्ष है.
चयन प्रक्रिया - चयन एप्टीट्यूड टेस्ट और मेरिट सूची के आधार पर की जाएगी.
ओसी / अन्य पिछड़ा वर्ग - रु। 500 / -
ओसी / अन्य पिछड़ा वर्ग पूर्व सेवा पुरुषों - रु। 500 / -
अनुसूचित जाति / जनजाति पूर्व सेवा पुरुषों - रु। 100 / -
सभी महिला - रु। 100 / -
ऑनलाइन आवेदन पत्र शुरू की तिथि - 2018/02/14
ऑनलाइन आवेदन पत्र की अंतिम तिथि - 2017/03/15
अधिक जानकारी के लिए अधिकारिक विज्ञापन देखे.
आवेदन करने लिए लिए अधिकारिक वेबसाईट देखे.

06 February 2018

यूपी सरकार ने दहेज प्रथा की समाप्ति हेतु योजना आरंभ की

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 फरवरी 2018 को घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य में निर्धन कन्याओं के विवाह हेतु उनके परिवार की आर्थिक सहायता करेगी. इस योजना के तहत प्रत्येक विवाह में 35,000 रुपये की सहायता दी जाएगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य दहेज प्रथा को हतोत्साहित करना है. मुख्यमंत्री ने यह घोषणा एक कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए की. इस दौरान उनके साथ केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत भी थे. इस अवसर पर 4,115 दिव्यांग व्यक्तियों को ट्रायसाइकिल उपलब्ध कराई गई.

इसके अलावा मंत्री ने घोषणा की कि गोरखपुर के बीआरडी हॉस्पिटल कैंपस में दिव्यांगजनों के लिए एक सुधार गृह भी आरंभ किया जायेगा. इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि सरकार 80 निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्येक 100 दिव्यांगजनों को इंजन से चलने वाली ट्रायसाइकिल भी उपलब्ध कराएगी. विकास के मुद्दे पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस प्रकार की इंजन से चलने वाली ट्रायसाइकिल से दिव्यांगजन रोजगार परक बन सकेंगे. शुरुआत में इस योजना को 75 जिलों अथवा 80 लोक सभा सीटों पर लागू किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कम से कम प्रत्येक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 100 दिव्यांग व्यक्तियों को इस सुविधा के लिए चयनित किया जायेगा. इस योजना का उद्देश्य दिव्यांगजनों को सशक्त बनाना है. इसके अतिरिक्त, उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों का सरकारी नौकरियों में आरक्षण कोटा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का निर्णय लिया. साथ ही, सरकार ने दिव्यांगजनों की मासिक पेंशन 300 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये करने का भी निर्णय लिया है.

20 January 2018

केंद्र सरकार द्वारा 350 मिलियन अमेरिकी डालर की सौर विकास निधि बनाने की घोषणा


6 दिसंबर, 2017 को 15 देशो से अनुमोदन होने पर अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) ढांचा अनुबंध की शुरूआत हुई. इसने अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को एक विधि सम्मत संधि आधारित अन्तर्राष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन बना दिया. अभी तक 19 देशों ने इसे स्वीकृति दी है और 48 देशों ने आईएसए ढांचा अनुबंध पर हस्ताक्षऱ किये हैं. अपनी तरह की पहले कार्यक्रम में आईएसए ने विश्व ऊर्जा भविष्य शिखर सम्मेलन-2018 (डब्लयूएफई एस) के अवसर पर 17 से 18 जनवरी, 2018 के दौरान दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय ऊर्जा गठबंधन मंच की मेजबानी की. डब्लयूएफईएस वैश्विक स्तर का अनूठा कार्यक्रम है. आबूधाबी (यूएई) में 18 जनवरी, 2018 को आबूधाबी निरंतरता सप्ताह का आयोजन मसदर द्वारा किया गया. आईएसए कार्यक्रम के दौरान आईएसए के बारे में सूचना के प्रसार और इसकी गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी के लिए आईएसए मंडप स्थापित किया गया.
 
अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन मंच के पहले दिन 17 जनवरी,2018 को आईएसए मंत्रियों का पूर्ण मंत्रीस्तरीय सत्र का आयोजन किया गया. आईएसए सदस्य देशों के सात ऊर्जा मंत्रियो ने मंत्रीस्तरीय सत्र में भाग लिया. उन्होंने सार्वभौमिक ऊर्जा, अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सौर ऊर्जा के सहयोग, ज्ञान के लाभ और शुरुआती सत्रों में सौर परियोजनाओं के लिए नवोन्मेष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान और विकास में निवेश पर अपने विचार रखे. इस अवसर पर अपने मुख्य भाषण में केन्द्रीय ऊर्जा एवं नवीन और नवीनकरणीय ऊर्जा(स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री राजकुमार सिंह ने अन्तर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन मंच के आयोजन के लिए आईएसए को बधाई दी. उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा सस्ती हो गई है और परंपरागत ऊर्जा को बदलने के लिए तैयार है और यह एक स्वस्थ विकास है. उन्होंने कहा भारत के पास विश्व में तीव्र गति से बढ़ना वाला नवीनकरणीय ऊर्जा कार्यक्रम हैं और वर्ष 2020 से पूर्व 175 जीडब्लयू के स्थापित नवीनकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगा. श्री आर के सिंह ने कहा आईएसए सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आवश्यक निधि एकत्र करने में सहायता करेगा. अपने संबोधन के दौरान श्री सिंह ने सौर परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए भारत सरकार द्वारा 350 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सौर विकास निधि की स्थापना की घोषणा की. 

आईएसए के अंतरिम महानिदेशक उपेन्द्र त्रिपाठी ने मंत्रीस्तरीय सत्र का औपचारिक उद्घाटन और कार्यक्रम में भाग लेने वाले भागीदारों का स्वागत करते हुए कहा विभिन्न कंपनियों और बैंको द्वारा सौर ऊर्जा से संबंधित नौ परियोजनाओं के लिए अनुमति पत्र आदान–प्रदान के संबंध में जानकारी दी. उन्होने कहा कि आईएसए को अब कार्य को आदान प्रदान में बदलने के रूप में जाना जायेगा. उन्होंने कहा कि अप्रैल 2018 तक आईएसए के अंतर्गत 100 से अधिक परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किये जायेगे. उन्होने सदस्य देशों और विभिन्न भागीदारको का बेहद कम समय में आईएसए को स्थापित करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने भारत सरकार के अंतर्गत नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 19 से 21 अप्रैल 2018 तक आयोजित दूसरे रि-इन्वेस्ट बैठक के संबंध में बताया और इसका निमंत्रण दिया. 

मंत्री स्तरीय बैठक के बाद तीन तकनीकी समूह परिचर्चा का आयोजन किया गया. इसमें ऊर्जा मंत्रियों, नीतिनिर्धारकों,बहुस्तरीय बैंक और वित्तीय संस्थान, अनुसंधान और विकास संगठन एवं नवाचार,सौर ऊर्जा विकासक और निर्माता, निवेशक और अन्य भागीधारकों ने भाग लिया. आईएसए मंत्री स्तरीय सत्र की समाप्ति पर यस बैंक ने पांच बिलियन अमेरिकी ड़ॉलर से अधिक की राशि सौर परियोजनाओं को वित्तीय मदद के रूप में देने की घोषणा की. इसके साथ ही मैसर्स सीएलपी और मैसर्स एनटीपीसी लिमिटेड ने आईएसए के साथ भागीदारी गठित करने की घोषणा की और दोनों ने आईएसए निधि के लिए एक–एक मिलियन अमेरिकी डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देने का ऐलान भी किया. आईए और जीसीएफ ने भी आईएसए के साथ भागीदारी में प्रवेश करने की घोषणा की. कार्य आधारित संगठन होन के कारण आईएसए सौर परियोजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रारंभ में सहयोग प्रदान करता है. इसलिए दिन के पहले हिस्से में नौ कंपनियों ने सौर ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये.

महाराष्ट्र सरकार ने अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरियों में 1% आरक्षण देने की घोषणा की

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने 17 जनवरी 2018 को यह निर्णय किया कि अनाथ बच्चों को भी अब सरकारी नौकरियों में 1% आरक्षण दिया जाएगा. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने फैसले के दौरान कहा कि अनाथ बच्चों को अपनी जाति का पता नहीं होता ऐसे में उन्हें सरकारी नौकरी में मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता ह. ऐसे में अनाथ बच्चों को आरक्षण में एक प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया गया. 

जानकारी के अनुसार महाराष्‍ट्र कैबिनेट ने अनाथ बच्‍चों की मदद करने के लिए बुधवार को एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहर अब अनाथ बच्‍चों को सरकारी नौकरी में 1 प्रतिक्षत आरक्षण दिया जाएगा. कैबिनेट के मुताबिक अनाथ बच्‍चों को सरकारी नौकरी का फॉर्म भरते वक्‍त काफी दिक्‍कत आती है. उन्‍हें अपनी जाति का पता न होने के कारण आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाता. ऐसे में इन सभी बच्‍चों को अब सरकारी नौकरी में 1 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. ओपन कैटगरी में यह आरक्षण दिया गया है.