07 September 2022

हेमचन्द्र विक्रमादित्य

हेमचन्द्र विक्रमादित्य  'हेमू' भारत का अंतिम हिन्दू राजा था. 'भारतीय इतिहास के वीर पुरुषों में वह गिना जाता है. "मध्यकालीन भारत का नेपोलियन" कहा जाने वाला हेमू अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर एक साधारण व्यापारी से प्रधानमंत्री एवं सेनाध्यक्ष की पदवी तक पहुँचा था. यह ऐतिहासिक सफर उसने एक अजेय महानायक के रूप में पूरा किया था. उसके अपार पराक्रम तथा वीरता के कारण ही उसे 'विक्रमादित्य' की उपाधि मिली थी. हेमू शेरशाह सूरी का योग्य दीवान, कोषाध्यक्ष और सेनानायक था. शेरशाह की सफलता में उसकी प्रबंध कुशलता और वीरता का सबसे बड़ा हाथ रहा था. आर्थिक सूझ−बूझ में उसके समान कोई दूसरा व्यक्ति नहीं था. हेमू ने अपना अंतिम युद्ध प्रसिद्ध पानीपत के मैदान में लड़ा. यह युद्ध वह मुग़ल सेनापति बैरम ख़ाँ की कूटनीतिक चाल से हार गया. आँख में एक तीर लग जाने से हेमू की सेना बिखर गई और उसे हार का सामना करना पड़ा.

02 September 2022

जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद  हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे. वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं. उन्होंने हिन्दी काव्य में एक तरह से छायावाद की स्थापना की जिसके द्वारा खड़ीबोली के काव्य में न केवल कमनीय माधुर्य की रससिद्ध धारा प्रवाहित हुई, बल्कि जीवन के सूक्ष्म एवं व्यापक आयामों के चित्रण की शक्ति भी संचित हुई और कामायनी तक पहुँचकर वह काव्य प्रेरक शक्तिकाव्य के रूप में भी प्रतिष्ठित हो गया. बाद के, प्रगतिशील एवं नयी कविता दोनों धाराओं के, प्रमुख आलोचकों ने उसकी इस शक्तिमत्ता को स्वीकृति दी. इसका एक अतिरिक्त प्रभाव यह भी हुआ कि 'खड़ीबोली' हिन्दी काव्य की निर्विवाद सिद्ध भाषा बन गयी.

सुभद्रा कुमारी चौहान

सुभद्रा कुमारी चौहान (16 अगस्त 1904-15 फरवरी 1948) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं. झाँसी की रानी उनकी प्रसिद्ध कविता है. वे राष्ट्रीय चेतना की एक सजग कवयित्री रही हैं. स्वाधीनता संग्राम में अनेक बार जेल यातनाएँ सहने के पश्चात अपनी अनुभूतियों को कहानी में भी व्यक्त किया. 
उनका जन्म नागपंचमी के दिन इलाहाबाद के निकट निहालपुर नामक गांव में रामनाथसिंह के जमींदार परिवार में हुआ था. बाल्यकाल से ही वे कविताएँ रचने लगी थीं. उनकी रचनाएँ राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण