31 March 2022

भारत पर लोदी वंश का शासन

लोदी वंश खिलजी अफगान लोगों की पश्तून जाति से बना था. इस वंश ने दिल्ली के सल्तनत पर उसके अंतिम चरण में शासन किया. इन्होंने 1451 से 1526ईस्वी तक शासन किया.
 वे एक अफ़गान कबीले के थे, जो सुलेमान पर्वत के पहाड़ी क्षेत्र में रहता था और अपने पड़ोसी सूर, नियाजी और नूहानी कबीलों की ही तरह गिल्ज़ाई कबीले से जुड़ा हुआ था. गिल्ज़ाइयों में ताजिक या तुर्क रक्त का सम्मिश्रण था. पूर्व में मुल्तान और पेशावर के बीच और पश्चिम में गजनी तक सुलेमान पर्वत क्षेत्र में जो पहाड़ी निवासी फैले हुए थे लगभग 14वीं शताब्दी तक उनकी बिल्कुल

30 March 2022

दिल्ली पर सैयद वंश का शासन

सैयद वंश दिल्ली सल्तनत का चतुर्थ वंश था जिसका कार्यकाल 1414 से 1451ईस्वी तक रहा. तुग़लक़ वंश के बाद दिल्ली पर इस वंश की स्थापना हुई. 
यह परिवार सैयद अथवा मुहम्मद के वंशज माने जाता है. तैमूर के लगातार आक्रमणों के कारण दिल्ली सल्तनत का कन्द्रीय नेतृत्व पूरी तरह से हतास हो चुका था और उसे 1398 तक लूट लिया गया था. इसके बाद उथल-पुथल भरे समय में, जब कोई केन्द्रीय सत्ता नहीं थी, सैयदों ने दिल्ली में अपनी शक्ति का विस्तार किया. इस वंश के विभिन्न चार शासकों ने 37 वर्षों तक दिल्ली सल्तनत का नेतृत्व किया. इस वंश की

तैमूर लंग का भारत पर आक्रमण

भारत में विदेशी आक्रमणकारियों का लम्बा इतिहास रहा है. मुहम्मद बिन कासिम, महमूद गज़नवी, मुहम्मद गोरी और चंगेज खान आदि भारत में आकर अपनी क्रूरता का दृश्य बता चुके थे. अगला नाम था एक तुर्क शासक का नाम था तैमूर लंग इसका जन्म उज्बेकिस्तान के समरकंद में 1336 मे हुआ था. 
वह एक साधारण चरवाहे परिवार में जन्म था, मगर दूसरा चंगेज खान बनकर वह काफिरों का नाश कर देने की सोच रखा करता है, कहते है दिल्ली को उसने एक दिन में मुर्दों

28 March 2022

चंगेज़ ख़ान का भारत की ओर प्रस्थान

चंगेज़ ख़ान एक मंगोल शासक था जिसने मंगोल साम्राज्य के विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई. इतिहासकार मानते हैं कि चंगेज खान एक 'बौद्ध' था. उसने अपनी तलवार के दम पर मुस्लिम साम्राज्य को लगभग खत्म ही कर दिया था. वह अपनी संगठन शक्ति, बर्बरता तथा साम्राज्य विस्तार के लिए प्रसिद्ध हुआ. इससे पहले किसी भी यायावर जाति (जाति के लोग भेड़ बकरियां पालते जिन्हें गड़रिया कहा जाता है) के व्यक्ति ने इतनी विजय यात्रा नहीं की थी. वह पूर्वोत्तर एशिया के कई घुमंतू जनजातियों को एकजुट करके सत्ता में आया. 

26 March 2022

दिल्ली पर तुगलक वंश का शासन

तुग़लक़ वंश  दिल्ली सल्तनत का एक राजवंश था जिसने सन् 1320 से लेकर सन् 1414 तक दिल्ली की सत्ता पर राज किया. तुग़लक़ वंश की स्थापना  गयासुद्दीन तुगलक के द्वारा किया गया था, जिसने 1412 तक राज किया. इस वंश में तीन योग्य शासक हुए. ग़यासुद्दीन (1320-25), उसका पुत्र मुहम्मद बिन तुग़लक़ (1325-51) और उसका उत्तराधिकारी फ़िरोज शाह तुग़लक़ (1351-87). इनमें से पहले दो शासकों का अधिकार क़रीब-क़रीब पूरे देश पर था. फ़िरोज का साम्राज्य उनसे छोटा अवश्य था, पर फिर भी अलाउद्दीन ख़िलजी के साम्राज्य से छोटा नहीं था. फ़िरोज की मृत्यु के बाद दिल्ली सल्तनत का विघटन हो गया और उत्तर भारत छोटे-छोटे राज्यों में बंट गया. यद्यपि तुग़लक़ 1412 तक शासन करत रहे.

16 March 2022

भारत के महान वीरांगना पद्मावती जिन्होंने जौहर कर ली लेकिन खिलजी के अधिपत्य को कभी स्वीकार नही की



आज कहानी है एक ऐसे रानी की, जो इतिहास की सबसे चर्चित रानियों में से एक है. आज भी राजस्थान में चित्तौड़ की इस रानी की सुंदरता के साथ-साथ शौर्य और बलिदान के किस्से प्रसिद्ध हैं. लेकिन इन्हें ख्याति मिली कुछ वर्ष पूर्व जब उनके और क्रूर मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी पर फ़िल्म बनी और पूरे इतिहास को तोड़ मरोड़ कर हमारे समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया. हम बात कर रहे हैं चितौड़ की शेरनी जिसे रानी पद्मावती के नाम से भी जानते हैं. 

15 March 2022

भारत पर खिलजी वंश का शासन



खिलजी वंश मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था. इसने दिल्ली की सत्ता पर 1290-1320 इस्वी तक राज किया. दिल्ली की मुस्लिम सल्तनत में दूसरा शासक परिवार था, हालांकि ख़िलजी क़बीला लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान में बसा हुआ था, लेकिन अपने पूर्ववर्ती गुलाम वंश की तरह यह राजवंश भी मूलत: तुर्किस्तान का था. ख़लजी वंश के पहले सुल्तान जलालुद्दीन फ़िरोज़ ख़लजी, गुलाम वंश के अंतिम कमज़ोर बादशाह क्यूमर्श के पतन के बाद एक कुलीन गुट के सहयोग से गद्दी पर बैठे. जलालुद्दीन ख़िलजी ने ख़िलजी वंश की स्थापना की थी. ख़िलजी वंश ने 1290 से 1320 ई. तक राज्य किया.

12 March 2022

भारत की प्रथम महिला शासक रजिया सुल्तान

देश के इतिहास में रजिया सुल्तान का नाम भारत की प्रथम महिला शासक के तौर पर दर्ज है. दिल्ली सल्तनत के दौर में गुलाम वंश के शासन कल में जब बेगमों को सिर्फ महलो के अंदर आराम के लिए रखा जाता था वही रजिया सुल्तान महल से बाहर निकलकर अपने हक के लिए युद्ध किया और शासन की बागडोर सम्भाली. 
रजिया सुल्तान का जन्म दिल्ली सल्तनत के मशहूर शासक एवं इतिहास के प्रसिद्ध सुल्तान शमसुद्दीन इल्तुतमिश के घर हुआ था. रजिया को इतिहास में रज़िया अल-दीन और शाही नाम जलालत उद-दिन रज़िया से भी जाना जाता है. रजिया सुल्तान तीन भाइयों में इकलौती और सबसे काबिल थी. रजिया सुल्तान का बचपन का नाम हफ्सा मोइन था लेकिन सभी उसे रजिया कहकर ही पुकारते थे. उनके पिता इल्तुतमिश ने रजिया सुल्तान की प्रतिभा को बचपन में ही भाप लिया था और उन्हें भी अपने बेटों की तरह ही सैन्य प्रशिक्षण दिया एवं उसके अंदर एक कुशल प्रशासक बनने के सभी गुण विकसित किए थे.