24 September 2017

हिन्दु और हिंदुत्व क्या हैं ? भारत का नाम हिन्दुस्तान कैसे पड़ा ?

हिंदू शब्द जातिवाचन शब्द ना होकर स्थानवाचक शब्द है. यह भौगोलिक (देश से संबंधित) है. सिंधु नदी से हिन्दु बना है. यह सिंधु का अपभ्रंश है. सिंध से ही हिंद बना है. यह माना जाता है कि परस्य (ईरान) देश के निवासी ‘सिन्धु’ नदी को ‘हिन्दु’ कहते थे क्योंकि वे ‘स’ का उच्चारण ‘ह’ करते थे. धीरे-धीरे वे सिन्धु पार के निवासियों को हिन्दू कहने लगे. हिंद और स्तान मिलकर ‘हिंदुस्तान’ बन गया. हिंद से ही ‘हिंदू’, ‘हिंदी’, ‘हिंदवी’, ‘हुन्दू’, ‘हन्दू’, ‘इंदू’, ‘इंडीज’, ‘इंडिया’ और ‘इंडियन’ आदि शब्द निकले हैं.
विदेशियों के लिए हिंदू शब्द भारतीय का पर्याय है. वेदों, दर्शनशास्त्रों, उपनिषदों, आरण्यकों, रामायण, महाभारत या गीता में कहीं भी हिंदू शब्द का कभी उल्लेख नहीं मिलता. इस शब्द का प्रयोग तुर्की, पठानों और मुगलों ने पहले-पहल किया. वे सिंधु नदी पार करके भारत आए थे, इसलिए उन्होंने इस सिंधु-पर क्षेत्र को हिंदू कह दिया. बाहर से आये विदेशियों ने सिन्धु सभ्यता के लोगों को हिन्दु और उनके देश को हिन्दुस्तान का सम्बोधन दिया. सिंधू नदी के उद्गम स्थान (जहां से यह निकलती है) से लेकर हिंदमहासागर तक संपूर्ण भारत भूमि जिसकी मातृभूमि तथा पवित्र भूमि है वह हिंदू कहलाता है. भारतीयों ने विदेशियों द्वारा दिए गए इस शब्द को स्वीकार कर लिया, क्या यह हमारी उदारता नहीं है? इससे यह स्पष्ट होता है की जो भी यहां का बाशिंदा है, वह हिंदू है.

वही हिंदुत्व एक राजनीतिक विचारधारा है. सिंधु नदी से समुद्र तक के भारतवर्ष को अपनी पितृभूमि और पुण्यभूमि मानने की विचारधारा को ही हिंदुत्व नाम दिया गया है. पितृभूमि के वारिस हुए बिना पुण्यभूमि की विरासत का दावा अधूरा होगा. जिनकी पितृभूमि और पुण्यभूमि दोनों एक ही हो वही राष्ट्र के असली वारिस हैं. राष्ट्रवादी सोच की अभिव्यक्ति देशभक्ति में भी होनी चाहिए. पितृभूमि पर गर्व होने के साथ ‘मातृभूमि’ से प्रेम हमारी राष्ट्रीय चेतना को प्रदर्शित करती है. ज़ाहिर है हिंदुत्व को हिंदू धर्म से कोई लेना देना नहीं है.

हिंदुत्व एक जीवन-दर्शन और जीवन पद्धति है जो मानव समाज में फ़ैली समस्याओं को सुलझाने में सहायक है. इसको हम धर्म के समानार्थी नहीं मान सकते हैं, लेकिन अभी तक इसे धर्म के अर्थ में ही गलत तरीके से समझा गया है. धर्म मात्र पूजा की एक पद्धति है जबकि हिंदुत्व एक दर्शन है जो मानव जीवन का समग्रता से विचार करता है. हिन्दुत्व शब्द केवल मात्र हिन्दू जाति के कोरे धार्मिक और आध्यात्मिक इतिहास को ही अभिव्यक्त नहीं करता. हिन्दू जाति के लोग विभिन्न मत मतान्तरों का अनुसरण करते हैं. इन मत मतान्तरों व पंथों को सामूहिक रूप से हिन्दूमत अथवा हिन्दूवाद नाम दिया जा सकता है. आज भ्रान्तिवश हिन्दुत्व व हिन्दूवाद को एक दूसरे के पर्यायवाची शब्दों के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. यह चेष्टा हिन्दुत्व शब्द का बहुत ही संकीर्ण प्रयोग है. हिन्दुत्ववादियों के अनुसार हिन्दुत्व किसी भी धर्म या उपासना पद्धति के ख़िलाफ़ नहीं है.

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